News portals-सबकी खबर (डेस्क कुल्लू )
विश्व के सबसे प्राचीन लोकतंत्र वाले गांव मलाणा में मंगलवार आधी रात हुए भीषण अग्निकांड ने 17 मकानों को स्वाह कर दिया और इनमें रहने वाले 57 परिवारों के करीब 150 लोग बेघर हो गए। घटना की खबर लगते ही प्रशासन भी हरकत में आ गया और अग्निशमन विभाग की टीम को मौके पर भेजा। कड़ी मशक्कत से करीब छह घंटों के बाद सुबह सात बजे आग पर काबू पा लिया गया। आग के लगने के कारणों का पता फिलहाल नहीं चल पाया है।
इस अग्निकांड में करीब नौ करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ है। लिहाजा साल 2008 के बाद यह मलाणा में दूसरा बड़ा अग्निकांड है। जिला कुल्लू प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार रात लगभग एक बजे मलाणा के धाराबेहड़ में एक मकान में अचानक आग लगने की सूचना प्राप्त हुई। स्थानीय लोगों के अनुसार देखते ही देखते आग साथ लगते अन्य मकानों में फैल गई। रात डेढ़ बजे आगजनी की सूचना मिलते ही अग्निशमन विभाग व पुलिस बलों को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया। चूंकि मलाणा गांव के लिए लगभग एक घंटे का पैदल रास्ता है और ऐसे में फायर उपकरण व अन्य राहत सामग्री को स्पैन के माध्यम से प्रातः पौने चार बजे तक गांव में पहुंचाया गया।
हालांकि इस दौरान तक कई घरों को आग ने चपेट में ले लिया था। अग्निशमन विभाग ने बहते नाले से पानी एकत्र करके इसे पाइपों के माध्यम से घटनास्थल पर पहुंचाया और पूरी तरह से आग पर काबू पा लिया। स्थानीय लोगों के साथ अन्य रेस्क्यू दलों के सदस्यों ने भी आग बुझाने में पूरा योगदान दिया, लेकिन सभी मकान लकड़ी के बने होने और इनके आसपास पशुचारे का घास होने से आग ने तांडव मचाया। बताया जा रहा है कि जिस घर से आग शुरू हुई, उसमें कोई व्यक्ति भी मौजूद नहीं था और ऐसे में शॉर्ट सर्किट की संभावना जताई जा रही है।
Recent Comments