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जिला सिरमौर के उपमंडल संगड़ाह में बांध विस्थापित करने वाले भारत की राजधानी दिल्ली को स्वच्छ Drinking Water उपलब्ध करवाने के लिए गिरी नदी पर बनने वाले रेणुकाजी बांध से विस्थापित होने वाले किसानों की जंगल-झाड़ी किस्म की भूमि के दाम आखिर 60,500 रूपए से बढ़कर 7 लाख तक पहुंच गए। पिछले करीब एक दशक के ब्याज व अन्य लाभ को लगाकर किसानों को बंजर जमीन की कुल कीमत 15 लाख प्रति बीघा के करीब मिलनी है। दरअसल वर्ष 2008 में 26 Kilometer लंबे इस बांध के लिए acquire की जाने वाली 34 गांव की करीब 1050 हेक्टेयर निजी भूमि की कीमत Administration द्वारा उस दौरान काफी कम निर्धारित की गई थी।
पिछले दशक में Deputy Commissioner सिरमौर द्वारा निर्धारित दरों के मुताबिक जहां जंगल-झाड़ी किस्म की Land की कीमत 60,500 रूपए बीघा निर्धारित की गई थी, वहीं बंजर भूमि 2 लाख 60 हजार, ओबड़ 3 लाख 60 हजार तथा कुलाऊ जमीन की कीमत 7 लाख रुपए प्रति बीघा निर्धारित की गई थी। Dam area के अधिकतर किसानों की जमीन Revenue record में जंगल-झाड़ी तथा Wasteland के रूप में दर्ज थी। Government of Himachal Pradesh द्वारा अन्य क्षेत्रों की बजाए उक्त Project के विस्थापितों को भूमि के कम कीमत दिए जाने के मुद्दे पर कईं बार Protest कर चुके Migrants ने मांग पूरी न होने पर हिमाचल High Court तथा जिला सिरमौर की अदालतों में इस बारे Case दायर किए। डूब क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सबसे बड़े गांव सीऊं के 65 में से करीब 15 परिवारों का Case Decide हो चुके हैं।
फ़रवरी 2013 में पहले चरण में इस गांव के विस्थापितों को 60 करोड़ से ज्यादा मुआवजा मिला था। उक्त गांव के लोगों के अधिकतर केस लड़ रहे अधिवक्ता ब्रिजेश सकलानी ने बताया कि, माननीय अदालत द्वारा जमीन की कीमत कम से कम से कम 7 लाख रुपए प्रति बीघा निर्धारित की गई है तथा Interest व अन्य Benefits को लगाकर भूमि की पूरी कीमत 15 लाख बीघा से ज्यादा मिलेगी। उक्त मामले में जहां HPPCL अथवा बांध प्रबंधन द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में appeal की गई है, वहीं विस्थापितों द्वारा भी Honorable Supreme Court में अपील दायर की जा चुकी है। फिलहाल उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार निर्धारित नई कीमत के मुताबिक विस्थापित किसानों को 50 फ़ीसदी की राशि जारी हुई है|
जबकि सभी केस decide होने पर इतनी ही राशि और मिलेगी। विस्थापित क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अधिकतर किसानों द्वारा जहां जमीन के वाजिब दाम मिलने को लेकर Court में अपील दायर की जा चुकी हैं, वहीं अन्य सभी अदालत का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं। बहरहाल बांध से उजड़ने वाले किसानों को जमीन का सही दाम मिलने से Dan area की सभी 17 पंचायतों के लोगों में खुशी की लहर है तथा इनमें से 10 पंचायतें अकेले Development Block संगड़ाह की है।
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