News portals-सबकी खबर (नाहन )
हिमाचल प्रदेश की ग्राम पंचायतों के अंदर सम्पन हुई ग्राम सभा बैठकों में प्रदेश के लोगों ने रुचि नहीं दिखाई है। अधिकांश सामाजिक संगठनों सहित प्रधान परिषद, ब्लाक सीमित सहित दर्जनों सामाजिक संगठन जिला परिषद कर्मचारियों के समर्थन में पंचायतों से नदारद नजर आए है। इतना ही नही बल्कि पंचायतों में कार्य न होने के कारण अधिकांश पंचायतों में क्षेत्रीय लोगों ने भी रुचि नहीं दिखाई है। कई पंचायतों में ग्रामसभा के दौरान गिने चुने लोग ही नजर आए है। जिला सिरमौर के पावटा साहिब, शिलाई, नहान, पच्छाद, रेणुका, राजगढ़ में भी ग्राम सभाओं की दयनीय स्तिथि देखने को मिली है। और प्रदेश के विकास में तैयार होने वाली अरबों रुपए की विकासतमक योजनाओं के लिए कोई एजेंडा तैयार नहीं हो पाया है। जिसके चलते जहां विकासात्मक कार्य रुकते नजर आ रहे है। वही प्रदेश की जनता को पंचायतों से संबंधित कार्यों को करवाने के लिए अभी और इंतजार करना होगा। प्रदेश में जिला परिषद के अंतर्गत कार्य करने वाले लगभग 47 सौ कर्मचारी पिछले एक सप्ताह से पैन डाउन हड़ताल पर चले गए है। और पंचायतों के अंदर सचिव, तकनीकी सहायक, कनिष्ठ अभियंता सहित कई अधिकारी नदारद है।
इन कर्मचारियों ने सरकार पर सौतेले व्यवहार के आरोप लगाए है। और कर्मचारियों को छ्टे वेतन आयोग से वंचित रखने के आरोप लगाए है। कमचारियों का कहना है कि सरकार जिला परिषद कर्मचारियों को संबंधित विभाग में विलय करेगी तो तभी कर्मचारी कार्य करेंगे, अन्यथा पैन डाउन हड़ताल पर रहेंगे। प्रदेश की पंचायतों में पिछले 8 दिनों से प्रगति पर हो रहे सभी कार्य रुके पड़े है। नए कार्यों को स्वीकृतियां नही मिल पा रही है। मनरेगा के अंतर्गत मजदूरी करने वाले मजदूरों के सभी मस्टरोल नील किए जा रहे है। मनरेगा के मजदूर बेरोजगार हो गए है। वर्तमान में यहां सरकार के सौ दिन का रोजगार मजदूरों के लिए खोखला दावा नजर आ रहा है।
लोगों को जीवन प्रमाण पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, पेयजल, बिजली मीटर एनओसी सहित पंचायत से संबंधित एक दर्जन से अधिक प्रमाण पत्र नहीं मिल रहे है। पैन डाउन हड़ताल पर जाने के बाद सरकार को आए दिन लाखो रुपए का आर्थिक नुकसान हो रहा है। वही आम जनता को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। प्रदेश के अंदर दर्जनों सामाजिक संगठन और प्रतिनिमंडल जिला परिषद कर्मचारियों के समर्थन ने नजर आ रहे है। और कर्मचारियों के विभाग में विलय की मांग कर रहे है। कई पंचायतों में ग्रामसभा का केवल इसलिए बहिष्कार किया गया, क्युकी जिला परिषद कर्मचारी पैन डाउन हड़ताल पर चले गए है। प्रदेश सरकार और जिला परिषद कर्मचारियों की आपसी लगाई कब तक चलेगी यह अभी सुनिश्चित नही हो पाया है। लेकिन आम जनता को फिलहाल भारी परिशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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