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हिमाचल प्रदेश के कई जिलो में भारी बर्फ़बारी होती है जिससे कि सडको पर आवाजाही बंद रहती है | प्रदेश के कई जिले ऐसे है जहा सितम्बर या अक्टूबर महीने से ही बर्फ़बारी प्रारंभ हो जाती है, इसमें किन्नौर, लाहौल-स्पीति और चंबा के कई क्षेत्र शामिल है | सडको पर आवाजाही बंद रहने के कारण स्थानीय लोगो तक राशन भेजना मुश्किल हो जाता है | इसके निवारण के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने बर्फीले क्षेत्रों के लिए छह महीने का अतिरिक्त राशन का कोटा भेजना शुरू कर दिया है। यह सप्लाई गोदामों में भेजी जा रही है। इसके पश्चात डीपो के लिए राशन वितरित होगा |
पांच से छह महीने के लिए इन जिलों के दूरदराज के क्षेत्र जिला मुख्यालय से कटे रहते हैं। ऐसे में इन लोगों के लिए राशन का कोटा भेजा जाता है। प्रदेश सरकार की ओर से राशनकार्ड परिवारों को हर महीने तीन दालें (मलका, माश और दाल चना), दो लीटर तेल (रिफाइंड और सरसों), चीनी, नमक, आटा और चावल दिया जा रहा है। खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले के मंत्री राजेंद्र गर्ग ने बताया कि बर्फीले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को समय रहते राशन उपलब्ध करवाया जाये | इन जिलो में अधिक समय तक बर्फ रहती है इसलिए उनको सस्ते तेल कि सप्लाई भी प्रारंभ कर दी गई है | मौसम परिवर्तन करने लगा है , संभावना है कि अक्टूबर , नवम्बर से ऊंचाई वाले क्षेत्रो में बर्फ़बारी हो सकती है | इन जिलो में रहने वाले लोगो को प्रदेश सरकार द्वारा 6 महीने का अतिरिक्त कोटा भेजना प्रारंभ कर दिया है ताकि स्थानीय लोगो को समय पर सुविधा उपलब्ध हो सके |
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