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एडीजीपी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की सुरक्षा में हुई चूक से जुड़ी रिपोर्ट मंगलवार को पुलिस मुख्यालय को सौंप दी है। अब डीजीपी संजय कुंडू एसपी बिलासपुर और एडीजीपी की रिपोर्ट का अध्ययन करेंगे। देखा जाएगा कि किस स्तर पर किसकी गलती है। रिपोर्ट में भविष्य में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने के बारे में भी सिफारिश की गई है। बताया जा रहा है कि लापरवाही के लिए बिलासपुर के कुछ पुलिस अफसरों पर गाज गिर सकती है। इसके बाद ही डीजीपी संजय कुंडू सरकार को अपनी रिपोर्ट देंगे। सारे तथ्यों को देखने के बाद अगर उचित लगा तो सरकार इस संबंध में पुलिस कांस्टेबलों के परिजनों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को वापस भी ले सकती है। सूत्रों के अनुसार एफआईआर को निरस्त करने का तोड़ ढूंढा जा रहा है।
इसमें सारे तथ्यों को डीजीपी के स्तर पर देखा जा रहा है कि अगर पुलिस कांस्टेबलों के परिजनों की ओर से काफिला रोकने का निर्णय पहले ही लिया जा चुका था तो भी स्थानीय पुलिस अधिकारी या तैनात कर्मचारी कहां चूक गए। कहीं पुलिस महकमे के तैनात स्टाफ ने ही ढील तो नहीं बरती। इस बारे में वीडियो देखे गए हैं। जिन्होंने प्रदर्शन किया, उनकी वास्तविक भूमिका को भी देखा जा रहा है। उन्होंने डीसी से अनुमति मांगी थी। नड्डा ने भी उनकी बातें ध्यान से सुनी हैं। क्या है मामला बीते रविवार को एम्स ओपीडी शुरू होने के मौके पर नड्डा एक दिवसीय दौरे पर बिलासपुर पहुंचे थे।
इस दौरान लुहणू मैदान में हेलीकाप्टर से उतरने के बाद जब उनका काफि ला एम्स की तरफ जाने लगा तो कुछ पुलिस कांस्टेबलों के परिजनों ने संशोधित पे बैंड देने के लिए जस्टिस फॉर एचपी पुलिस के बैनर उठाए और उनका काफि ला रोक दिया। इसके बाद एसपी बिलासपुर को 24 घंटे के भीतर पूरी वस्तुस्थिति पर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए थे। एडीजीपी अशोक तिवारी को भी मौके की स्थिति, वीआईपी प्रोटोकॉल से संबंधित येलो बुक के उल्लंघन और अन्य सुरक्षा दिशा निर्देशों के उल्लंघन की जांच करने के निर्देश दिए गए थे।
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