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सरकार का फैसला पथ परिवहन निगम प्रबंधन ने जहां-जहां नए परिचालकों की तैनाती की गई है, उन्हें उसी डिपो के अधीन सेवाएं देनी होगी। किसी भी परिचालक का तबादला नहीं होगा। प्रदेश सरकार के पास तबादलों को लेकर पहुंची फाइलों को पेंडिंग में डाल दिया है। इसमें अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे इस तरह की फाइलें कार्यालय न भेजें। सचिवालय में 100 के करीब नए परिचालकों ने क्षेत्र के नजदीक डिपो में सेवाएं देने के लिए डीओ नोट लगाए हुए हैं। सरकार ने साफ शब्दों में कहा है कि अगर परिचालकों की एडजेस्टमेंट की जाती है तो लोगों को कैसे परिवहन सेवाएं मिलेंगी।
कौन लंबे और जनजातीय रूटों पर सेवाएं देंगे। पथ परिवहन निगम में 30 डिपो हैं। जिन डिपो में परिचालकों की संख्या कम है, वहां ज्यादा परिचालकों को भेजा गया है।इस समय निगम के डिपो में एक बराबर परिचालकों की संख्या है। निगम प्रबंधन अब चालकों की भर्ती करने जा रही है। इन चालकों की तैनाती भी उन डिपो में होगी जहां कम स्टाफ है। इसी आधार पर चालकों के रिक्त पदों को भरा जाना है। दफ्तरों में बैठे परिचालक भी आएंगे फील्ड में परिवहन निगम कार्यालय में सालों से जमे दर्जनों परिचालकों को बसों में भेजा जाएगा।
बसों में सेवाएं दे रहे परिचालकों ने इस बार निगम प्रबंधन को शिकायत भी गई है। कार्यालय में लिपिकों और वर्कशाप में टैक्नीकल स्टाफ की भर्ती की जानी है। ओवरटाइम से मिलेगा छुटकारा निगम में चालक परिचालक ओवरटाइम नहीं करेंगे। प्रबंधन की ओर से एचआरटीसी में की गई परिचालकों और चालकों की तैनाती से इनसे आठ घंटे सेवाएं ली जाएगी।
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