News portals-सबकी खबर (शिमला)
प्रदेश में विकास के लिए केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिनकी पूर्ति के लिए अधिकारी अपने दायित्व का निर्वहन जिम्मेदारीपूर्वक करें। जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सांसद सुरेश कश्यप ने बचत भवन में अधिकारियों को यह निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि इस बैठक में विभिन्न विभागों से संबंधित 41 केन्द्रीय प्रायोजित योजनाओं की समीक्षा की गई। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस योजना के तहत कार्यों की प्रगति को लेकर अधिकारी सक्रिय प्रयास करें।उन्होंने कहा कि इसके तहत कार्यों की गुणवता में किसी प्रकार की कोताही बर्दाशत नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि कार्यों की पूर्ति समयबद्ध रूप से त्वरित कार्यवाही करते हुए की जाए ताकि लोगों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने सर्दी के मौसम को देखते हुए शिमला क्षेत्र में बर्फबारी के दौरान विद्युत की आपूर्ति को सुचारू बनाए रखने के संबंध में निर्देश दिए गए। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत विभिन्न कार्यों की निगरानी समय-समय पर की जाए विशेष रूप से सड़क की टायरिंग के कार्यों में गुणवत्ता बरतते हुए कार्य किया जाए ताकि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी शिमला के तहत 900 करोड़ रुपये की राशि व्यय कर विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं, जिनकी पूर्ति के लिए समन्वय स्थापित कर कार्य किए जाने आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत और अधिक प्रगति के निर्देश भी दिए।
उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना की प्रक्रिया का सरलीकरण करने के लिए विभाग कार्य करें ताकि किसानों को इसका लाभ मिल सके।
उन्होंने बताया कि अमरूत मिशन के तहत 22 परियोजनाओं को पूरा किया गया है, जिस पर 75 करोड़ रुपये की राशि व्यय की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि इसके तहत 25 परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है, जिसे मार्च, 2021 से पहले पूर्ण किया जाएगा, जिस पर लगभग 68 करोड़ रुपये की राशि व्यय की जा रही है। शिमला स्मार्ट सिटी परियोजना शिमला के अंतर्गत अभी तक 168 करोड़ रुपये की राशि व्यय की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी के तहत 2 परियोजनाओं को पूरा किया जा चुका है, जिस पर लगभग 91 लाख रुपये व्यय किए जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी शिमला के तहत 42 परियोजनाओं पर कार्य प्रगति पर है, जिस पर लगभग 161 रुपये की राशि व्यय की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत अब तक 50 परियोजनाओं पर कार्य पूर्ण किया जा चुका है। 12541.27 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं वहीं 67 परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है, जिस पर 33797.14 लाख रुपये की राशि व्यय की जा रही है।
उन्होंने बताया कि नाबार्ड के तहत 78 परियोजनाओं को पूरा किया जा चुका है, जिस पर 17164.46 लाख रुपये की राशि व्यय की जा चुकी है तथा 22 परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है, जिस पर 10570.19 लाख रुपये की राशि व्यय की जा रही है।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल के समय विकास के कार्यों पर काफी प्रभाव पड़ा है लेकिन समयानुरूप विकास के कार्यों को प्रगति प्रदान की जा रही है।
उन्होंने बताया कि इस बैठक में 26 विभागों के तहत चल रहे कार्यों की समीक्षा की गई, जिसमें जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, विद्युत विभाग, कृषि, स्वास्थ्य, जल शक्ति, महिला एवं बाल विकास, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, योजना विभाग, जिला उद्योग केन्द्र, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, बागवानी, शिक्षा, नाबार्ड, कौशल विकास निगम, एलडीएम शिमला, प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड, डाईट तथा लोकमित्र केन्द्र संबंधित विभागों की चर्चा की गई।
इसके अतिरिक्त जिला में विकास के अन्य कार्यों को लेकर भी गहन चर्चा की गई।
विधायक बलबीर वर्मा तथा राकेश सिंघा ने विकास कार्यों को और अधिक प्रभावोत्पादक बनाने के लिए बहुमूल्य विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने बर्फ बाहुल्य क्षेत्रों में सड़कों में टायरिंग की मोटाई 60 एमएम करने के संबंध में केन्द्रीय सदन में मांग उठाने की अपील की। सीआरएफ के तहत हिमाचल को पैसा मिले इस संबंध में भी उन्होंने आग्रह किया तथा इस योजना के तहत विभिन्न कार्यों के लिए धन की उपलब्धता समयानुरूप सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया।
सदस्य सचिव एवं उपायुक्त आदित्य नेगी ने बैठक का संचालन किया।
बैठक में समिति के गैर सरकारी सदस्य, पार्षद पूर्णमल, प्रधान ग्राम पंचायत शकराह सुमन गर्ग, नरेश चैहान अध्यक्ष यूटीआरआई, राजेन्द्र चंदेल ठियोग, प्रेम प्रकाश मझियोड़, निर्मला शिमला के साथ-साथ पुलिस अधीक्षक मोहित चावला, आयुक्त नगर निगम आशीष कोहली सहित जिला के विभिन्न विभागों के 40 अधिकारियों ने भाग लिया।
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