News portals-सबकी खबर (शिलाई )
जंहा एक और प्रदेश सरकार किसानो की आय को लेकर किसानो के हितो के लिए कई योजना दी गई ताकि किसानो अधिक लाभ हो लेकिन इस बार मंडियों में टमाटर के दाम तो अच्छे मिल रहे हैं लेकिन उत्पादन बहुत कम है। बात गिरिपार क्षेत्र की हो रही है जहां हर साल व्यापक पैमाने पर टमाटर की खेती की जाती रही है। लेकिन पिछले साल दाम बहुत कम मिलने से लागत भी पूरी न होने और इस साल कोरोना लॉकडाउन के चलते टमाटर का उत्पादन बहुत घट गया है।
यही कारण है कि जिस कफोटा क्षेत्र से एक माह में 20 से 25 गाडि़यां टमाटर से लद कर दिल्ली मंडी में पहुंचती थीं वे इस बार करीब 20 दिन में चार से पांच गाडि़यों तक सिमट कर रह गई है। जिला के पहाड़ी गिरिपार क्षेत्र से लाल सोना दिल्ली की मंडी की ओर जून माह के आखिरी सप्ताह से निकलना शुरू हो गया है। इस बार टमाटर की पहली खेप में किसानों को 300 रुपए से 1100 रुपए तक प्रतिक्रेट दाम मिले।
जिससे कुछ किसान तो खुश हैं। लेकिन जिन्होंने इस बार टमाटर नहीं लगाए उनमें मायूसी जरूर है। बुधवार को कफोटा क्षेत्र से तीसरी खेप दिल्ली के लिए निकली। इस बार क्षेत्र में पैदावार बहुत कम है। पिछले 15 दिन में वे तीसरा चक्कर लगा रहे हैं जिससे पता चलता है कि इस बार दाम तो बढि़या हैं लेकिन पैदावार बहुत कम हो गई है।वही किसान ओमप्रकाश बाबू राम प्रताप सिंह ,बिक्रम सिंह ,जागर सिंह ,सुरेश अदि ने बताया की इस बार जब टमाटर की पोध लगाई गई थी तो उस समय ओलावृष्टि से उनकी पोध को काफी नुकसन पहुचा था जिसके बाद उन्होंने दुबार दे पोध तेयार की उस कारण से भी टमाटर का उत्पादन में कमी आई है |
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