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भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं हिमफेड के अध्यक्ष गणेश दत्त ने कहा काँग्रेस एक तरफ जोर-शोर के साथ भारत जोड़ों यात्रा की शुरुआत करने जा रही है, पर यात्रा का उद्देश्य भारत तोड़ने का लग रहा है, क्यूंकि जो यात्रा मैप तैयार किया गया है, उसमें हिमाचल को शामिल नहीं किया गया है। जबकि कांग्रेस देश की एकता के लिए लड़ने का दावा करती है, उसने पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर स्थित पठानकोट को कवर करते हुए हिमाचल प्रदेश को शामिल नहीं करने का फैसला किया है। काँग्रेस के इस कृत्य से यही प्रतीत होता है कि उनके नेताओं की नजर में हिमाचल प्रदेश का कोई महत्व और अस्तित्व ही नहीं है। इनकी सोच तो देखिए जिन राज्यों में यह यात्रा नहीं जा रही है वहाँ से यह “अतिथि यात्रियों” के तौर पर यात्रा से जुड़ने के लिए जनता से कह रहे हैं, भला अपने देश में कोई कैसे अथिति यात्री हो सकता है?
हिमाचल की जनता का यह अपमान जो काँग्रेस के नेताओं ने किया है, उसका जवाब हिमाचल की जनता इस चुनाव में देगी और कांग्रेस के नेताओं को दिखा देगी की हिमाचल का अस्तित्व कितना विराट है। दत्त ने कहा कि।बड़ा हास्यपद है, जो भारत तोड़ने की बात करते हैं वो भारत जोड़ों यात्रा कर रहे हैं। काँग्रेस के दिल्ली के राजकुमार कहते हैं, भारत एक राष्ट्र नहीं है, राज्यों का एक संघ है, टुकड़े- टुकड़ें गैंग के असली सरगना तो ये लोग हैं, जो देश को मात्र एक जमीन का टुकड़ा समझते हैं। इनके मुंह से भारत जोड़ों यात्रा शोभा नहीं देती। कांग्रेस कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है, लेकिन यह अराजकता पैदा करने और राष्ट्र को तोड़ने का एक पारिवारिक संघ है। भारत की अवधारणा, गौरवमयी इतिहास को मलीन करने की कांग्रेस की परंपरा रही है। कांग्रेस वन नेशन-वन टेंशन है।
काँग्रेस एक खतरनाक चाल चल रही है, क्योंकि वे वोटों से नहीं जीत सकती इसलिए विभाजन में अपना भविष्य तलाश रही है, तभी तो भारत के चुनिंदा राज्यों से ही यात्रा निकाली जा रही है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने यात्रा को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया पर अपने प्रदर्शन चित्रों को बदल दिया है, लेकिन प्रतिभा सिंह, मुकेश अग्निहोत्री और सुखविंदर सिंह सुक्कू सहित राज्य के एक भी वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने अब तक अभियान का समर्थन नहीं किया है। कांग्रेस इस साल के अंत में अपने चुनाव अभियान के लिए हिमाचल प्रदेश में कई हाई-प्रोफाइल नेताओं के दौरे को लेकर योजना बना रही है, और दूसरी तरफ हिमाचल को इस यात्रा में शामिल ना करना काँग्रेस के दोहरे चरित्र को प्रदर्शित करता है। कांग्रेस ने अपनी भारत जोड़ों यात्रा से हिमाचल प्रदेश को नजरअंदाज कर दिया है, जबकि यह यात्रा कर्नाटक को व्यापक रूप से कवर करेगी, जहां कुछ ही महीनों में चुनाव होने हैं।
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