News portals-सबकी खबर (रेणुकाजी)
अंतर्राष्ट्रीय मेले रेणुका जी झील में कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा के पुण्य पर्व पर हजारों श्रद्धालुओं ने स्नान किया। ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं ने प्रात:काल से ही स्नान करना शुरू कर दिया था। इनमें गिरिपार, सैनधार, धारटीधार सहित पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, यूपी, दिल्ली के हजारों श्रद्धालुओं ने झील में स्नान कर मोक्ष की कामना की| स्नान का यह सिलसिला सुबह सवेरे चार बजे से शुरू हुआ। सर्वप्रथम संत महात्माओं ने झील में स्वामी दयानंद भारती, सन्यास आश्रम के महंत स्वामी भीमपुरी, महंत दीनदयाल पुरी, निर्वाण आश्रम के महंत नरेंद्र मुनि सहित कई अन्य संतों ने डुबकी लगाकर स्नान की परंपरा को निभाया।पवित्र रेणुका झील में प्रात:कालीन देव पालकी में लाई गई भगवान परशुराम की प्रतिमाओं को स्नान करवाया गया। इसके पश्चात श्रद्धालुओं के स्नान का दौर शुरू हुआ। ठंड के बावजूद लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं देखी गई। उन्होंने झील में स्नान कर तीर्थ के विभिन्न मंदिरों में पूजा-अर्चना की। स्नान का यह सिलसिला दिन भर जारी रहा।इस अवसर पर पड़ोसी राज्यों से भी भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने तीर्थ में पहुंचकर झील में डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं ने श्रद्धा के साथ मां रेणुका व भगवान परशुराम को शीश नवाकर सुख-समृद्धि की कामना की। स्नान के पश्चात यहां पवित्र झील की परिक्रमा को भी महत्त्व दिया जाता है। लोगों ने भगवान परशुराम और माता रेणुका के जयकारों के साथ विशाल झील की पैदल परिक्रमा की। इससे पूर्व जामूकोटी व अन्य देव स्थानों से लाई गई भगवान परशुराम की प्रतिमाओं को त्रिवेणी में स्नान करवाया। जिसके बाद सभी देवताओं को पुरानी देवठी से नवीन परशुराम मंदिर में दर्शन के लिए रखा गया।
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