News portals-सबकी खबर
प्रदेश के पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के जोंसार बावर के महुना गांव मे चालदा महासू देवता का विशाल धार्मिक समागम हुआ। जिसमे 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लेकर महासू देवता का आशीर्वाद लिया। इसमे खास बात यह रही कि इस समागम में गिरिपार क्षेत्र के दुगाना और ग्वाली गांव के ग्रामीण भी अपने वंशज के गांव महुना पंहुचे।
गौरतलब हो कि गिरिपार क्षेत्र के दुगाना और ग्वाली गांव के पूर्वजों के वंशज महुना गांव मे है। उतराखण्ड के इस गाँव से ही उक्त दोनो गांव का अस्तित्व माना जाता है। इसलिए जब भी ऐसे बड़े आयोजन होते हैं तो उक्त गांव अपने वंशज और पूर्वज जिन्हे स्थानीय भाषा मे दाई-भाई कहते हैं, को विशेष तौर पर बुलाया जाता है। इस आयोजन मे दुगाना गांव से जहां करीब 70 लोग महुना गांव गये वहीं ग्वाली गांव से भी एक दर्जन से अधिक ग्रमीण पंहुचे।
इस दौरान गांव के महासू देवता के मंदिर मे जहां पूजा अर्चना का दौर चला वहीं एकत्रित लोगों ने रासा नृत्य पेश कर एक दूसरे की संस्कृति का प्रदर्शन किया। महुना के निवासी यशपाल सिंह ने बताया कि यह आयोजन आसपास की 7 खत द्वारा मिलकर आयोजित किया गया है। जिसमे कईं गांव आते हैं। उनके गांव मे चालदा महासू देवता करीब 38 वर्ष बाद पंहुचे हैं। जिनके दर्शनों और आशीर्वाद लेने को हजारों भक्त पंहुचे।
Recent Comments