News portals-सबकी खबर (शिमला ) प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पिछले तीन साल से प्री-प्राइमरी के बच्चों को जेबीटी शिक्षक ही पढ़ा रहे हैं लेकिन अब केंद्र की सरकार की ओर से एनटीटी की भर्तियों के लिए जो बजट जारी किया गया था उस पर खतरा मंडराने लगा है। बताया जा रहा है कि 31 मार्च को केंद्र सरकार की ओर से प्री-प्राइमरी के लिए दिया गया साढ़े 47 करोड़ का बजट लैप्स हो जाएगा हो जाएगा। 31 मार्च तक ही इस बजट की अवधि है। यह बजट प्रारंभिक शिक्षा विभाग को केंद्र सरकार की ओर से मिला है। ऐसे में एनटीटी की भर्तियों को लेकर सरकार कब फैसला लेगी यह कैबिनेट में तय होना है, लेकिन यह तय है कि केंद्र की ओर से भर्तियों के लिए जो बजट जारी किया गया था उस पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। राज्य के सरकारी स्कूलों में पिछले तीन सालों में 58 हजार बच्चे एनरोल हुए हैं। इसमें 55 सौ स्कूलों में प्री-प्राइमरी की कक्षाएं चल रही है।
केंद्र की ओर से हर साल प्री-प्राइमरी के लिए बजट जारी किया जाता है ऐसे में यदि समय में यानी एक माह के भीतर भर्तियां नहीं होती है तो यह बजट शिक्षा विभाग के हाथों से चला जाएगा। गौर रहे कि पूर्व भाजपा सरकार में भी एनटीटी भर्तियों को लेकर लगभग सभी तरह का प्रोसेस फाइनल हो चुका था लेकिन कोड ऑफ कंडक्ट के चलते यह भर्तियां नहीं हो सकी।वर्तमान कांग्रेस सरकार भी स्कूलों में एनटीटी भर्तियां करने के पक्ष में है और बीते दिनों शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में हुई बैठक में उन्होंने यह कहा था कि एनटीटी भर्तियों को लेकर भाजपा सरकार ने जो पॉलिसी बनाई थी उसमें कुछ संशोधन किया जाएगा। ऐसे में देखने वाली बात है कि एक महीने से पहले क्या सरकार एनटीटी के पदों पर भर्तियां कर पाती है या नहीं, अन्यथा साढ़े 47 करोड़ के बजट से हाथ धोना पड़ सकता है।
छत्तीसगढ़ में एनटीटी भर्तियों के लिए प्राइमरी बीएड के साथ छह महीने का ब्रिज कोर्स अनिवार्य किया गया है। उसी आधार पर पूर्व सरकार ने भी यह कहा था कि प्री-प्राइमरी के लिए एनटीटी ही पात्र होंगे। ऐसे में देखना यह होगा कि क्या हिमाचल सरकार भी छत्तीसगढ़ की तर्ज पर ब्रिज कोर्स को एनटीटी में शामिल करती है या नहीं?
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