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हिमाचल प्रदेश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बीच प्रदेश के अभिभावकों को बड़ी राहत देने के लिए सरकार ने निजी स्कूलों की फीस कम करवाने के लिए मंथन शुरू कर दिया है। फीस में छूट देने के लिए ऐपेडेमिक डिसिज रेगुलेशन, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट और एजूकेशन एक्ट की विभिन्न धाराओं को खंगालने में अधिकारी जुट गए हैं। इसके अलावा हरियाणा और दिल्ली के मॉडल को भी स्टडी किया जा रहा है। अधिकारी पता लगाने में जुटे हैं कि किन नियमों के तहत फीस को कम किया जा सकता है।
सरकार की यह मुहिम सिरे चढ़ जाती है तो लाखों अभिभावकों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए हुए लॉकडाउन की अवधि के लिए सिर्फ ट्यूशन फीस ही देनी पड़ेगी। फीस के अन्य घटकों को सरकार माफ करवा सकती है। मार्च के आखिरी सप्ताह से देश भर में लॉकडाउन होने के चलते सभी स्कूल बंद हैं। इसी बीच निजी स्कूलों द्वारा मार्च से मई की फीस देने के लिए अभिभावकों को मैसेज किए गए हैं। जिसका प्रदेश भर में विरोध हो रहा है। प्रदेश सरकार को भी हस्तक्षेप करते हुए तीन बार पत्र जारी कर निजी स्कूलों को लॉकडाउन के दौरान फीस न लेने के आदेश देने पड़े हैं।
इसी बीच दिल्ली और हरियाणा में निजी स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस लेने को कहा है। दो राज्यों की पहल के बाद हिमाचल में भी इसको लेकर मांग तेज हो गई है। बीते दिनों ही छात्र अभिभावक मंच ने इस बाबत मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को पत्र भेजे हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी सरकार से मार्च से मई तक की निजी स्कूलों की फीस को कम करवाने की मांग की गई है।
इसी कड़ी में प्रदेश सरकार ने फीस कम करने के लिए किन नियमों में फैसला लिया जा सकता है। इसको लेकर मंथन तेज कर दिया है। उच्च शिक्षा निदेशालय को ऐपेडेमिक डिसिज रेगुलेशन और एजूकेशन एक्ट को स्टडी कर फीस कम करने के लिए रास्ता निकालने को कहा गया है। दूसरे राज्यों के मॉडल को भी देखने को कहा गया है। निदेशालय में इस काम के लिए विशेष टीम भी गठित कर दी गई है। संभावित है कि शनिवार को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में इसको लेकर चर्चा हो सकती है।
अगर सरकार फीस कम करने का फैसला लेती है तो कोरोना वायरस के चलते आर्र्थिक परेशानियों से जूझ रहे लाखों अभिभावकों को बड़ी राहत मिल जाएगी। ट्यूशन फीस मिलने से निजी स्कूलों को भी अपने शिक्षकों व अन्य स्टाफ को वेतन देने के लिए पर्याप्त धनराशि मिल जाएगी। उधर, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि निजी स्कूलों की फीस कम करवाने के लिए कई लोगों ने मांग की है। मामला सरकार के ध्यानार्थ है। जल्द ही इस बाबत कोई फैसला लेकर सभी के हित सुरक्षित किए जाएंगे।
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