News portals -सबकी खबर (श्रीरेणुकाजी) अंतरराष्ट्रीय श्रीरेणुकाजी मेले में आने वाले देवताओं को निमंत्रण देने के लिए प्रशासनिक अधिकारी देवताओं के देव स्थलों को रवाना हुए। परंपरा के अनुसार रेणुका मेले में प्रतिवर्ष चार देवता ही शोभा यात्रा में भाग लेने यहां आते हैं जिनको व्यक्तिगत तौर पर बुलावा भेजा जाता है। स्थानीय भाषा में इस परंपरा को न्योंग (न्यौता) देना कहा जाता है, जिसे प्रतिवर्ष निभाया जाता है। मान्यता है कि बिना निमंत्रण के देवता मेले में हाजिरी नहीं भरते। परंपरा का निर्वहन करते के लिए भगवान परशुराम के प्राचीन व प्रसिद्ध जामू मंदिर के लिए तहसीलदार ददाहू राजेंद्र ठाकुर, एसएचओ रेणुकाजी रणजीत राणा, अधीक्षक गौरव पाठक व लिपिक ऋषि लाल वर्मा सहित अन्य कर्मचारी देवता की भेंट लेकर जामूकोटी मंदिर पहुंचे।जबकि सैनधार क्षेत्र के कटाहां मंदिर के लिए क्षेत्रीय कानूनगो रिंकू चौधरी, राम सिंह व पटवारी ददाहू राममूर्ति को देवताओं को निमंत्रण देने भेजा गया। वहीं महासू देवता मंदिर में तहसीलदार कमरऊ व कानूनगो को निमंत्रण का जिम्मा सौंपा गया। जबकि मंडलाह स्थित परशुराम मंदिर के लिए नाहन के तहसीलदार व कानूनगो को भेंट सहित देवताओं को निमंत्रण देने भेजा गया है। प्रशासनिक अधिकारी इन मंदिरों व देव स्थलों में जाकर देवताओं को भेंट के साथ निमंत्रण प्रदान करके रेणुका मेलेे में आने का निमंत्रण देकर लौटेंगे। रेणुकाजी विकास बोर्ड की ओर से अधिकारियों को देवताओं को भेंट स्वरूप चावल, गुड़ की भैली, नारियल, शुद्ध देसी घी व मिठाई सहित देवताओं को अर्पित करने भेजा जाता है। साथ ही एक लिखित निमंत्रण पत्र भी देवताओं को दिया जाता है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को यह चारों देवता मेले में अपनी हाजिरी भरेंगे|
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