News portals-सबकी खबर (नाहन )
कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड एवं कृषि उपज मण्डी समितियों द्वारा कर्फयु के दौरान प्रदेश की विभिन्न मंडियों में 2 मई तक 3,28,870 क्विंटल फल एंव सब्जियों का व्यापार किया गया तथा भविष्य में आने वाले उत्पाद विशेषकर सेब के विपणन हेतु भी तैयारियां शुरू कर दी गई है।
इस बारे में जानकारी देते हुए अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड बलदेव भण्डारी ने बताया कि विपणन बोर्ड तथा मण्डी समितियों द्वारा एचपी कोविड-19 सॉलिडेरिटी रिस्पांस फण्ड में मुबलिक एक करोड रूपये का अंशदान किया गया है। इसके अतिरिक्त बोर्ड व समितियों के अध्यक्षों, अधिकारियों तथा कर्मचारियों से एकत्रित अंशदान भी शीघ्र ही किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि कर्फयु के दौरान प्रदेश में सभी मंडियां खुली रखी गई जिससे प्रदेश में फल एंव सब्जियों की कोई कमी नही आई। फल एंव सब्जियों के थोक दाम सुक्ष्मता से मॉनिटर किए जा रहे है। कृषि उत्पाद को कर्फयु के दायरे से बाहर रखा गया है, जिससे प्रदेश का कृषि उत्पाद सीधे तौर पर पंजांब हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात तथा अन्य राज्यों में विपणन हेतु भेजा जा रहा है। मंडियों में किसानों और बागवानों को इन कठिन हालातों में भी उनके उत्पाद के अच्छे दाम प्राप्त हो रहे है।
समस्त मंडी समितियों को समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशो का पालन करते हुए सभी ऐतिहात बरतने और मंडियों तथा बाहर से आ रही गाडियों को सेनिटाईज किया जा रहा है, सफाई की व्यवस्था सुचारू रूप से की जा रही है तथा सोशल डिस्टेन्सिग का पालन सुनिश्चित करवाया जा रहा है। किसानों, बागवानों, ट्रक चालकों तथा मंण्डी में प्रवेश हो रहे अन्य सभी लोगों को भी मास्क पहनने, सेनिटाइजर का प्रयोग करने हेतु व सोशल डिसटेन्सिग का पालन करने की सलाह दी जा रही है। विपणन बोर्ड स्तर पर एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। मंडियों का समय-समय पर निरीक्षण भी किया जा रहा है। किसी भी कठिनाई को दूर करने के लिए बोर्ड तथा मण्डी समितियां हर समय तत्पर है।
उन्होंने बताया कि उन्होंने बताया कि प्रदेश में इन दिनों हरा मटर, फूल गोभी इतियादी सब्जियों का विपणन हो रहा है तथा फलों में चेरी प्रदेश की मंडियों में आणि शुरू हो चुकी है। प्लम आड़ू मंडियों में आने वाले हैं और सेब की फसल भी जून 15 के उपरांत विपणन हेतु मंडियों में लाई जाएगी। प्रदेश में किसानो एवं बागवानों की सुविधा के लिए विभिन्न स्थानों पर 60 मंडियों/उप मंडियों तथा 41 संग्रह केन्द्रों का निर्माण किया गया तथा प्रदेश की 19 मंडियों को म.छ।ड से जोडा गया है। इसके अंतर्गत 59 उत्पादों का व्यापार हो रहा है।
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