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लंबित मांगों को लेकर एचआरटीसी कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है। परिवहन मजदूर संघ के बैनर तले परिवहन कर्मचारियों ने बुधवार को निगम मुख्य कार्यालय के बाहर गेट मीटिंग कर लंबित मांगों को उठाया। परिवहन मजदूर संघ ने साफ कर दिया है कि अगर जल्द ही उनकी मांगें पूरी नहीं की गई, तो पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यालय की भांति आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा। परिवहन मजदूर संघ ने निगम को रोडवेज बनाने की मांग उठाई है। परिवहन मजदूर संघ के नेताओं ने कहा कि प्रधान सचिव परिवहन की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी का गठन किया गया था, मगर अभी तक इस कमेटी की एक भी बैठक नहीं हो पाई है।
पिछले सात साल में इसकी एक भी बैठक नहीं हुई है। पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में परिवहन कर्मचारियों के साथ सचिवालय में हुए लिखित समझौैते को तुरंत लागू किया जाए। राज्य में प्राइवेट वोल्वो बसों का संचालन पूरी तरह से बंद किया जाए। वैट लिजिंग को प्रदेश हित में तुरंत प्रभाव से बंद किया जाए, जिसका कोई भी औचित्य नहीं है। यह सिर्फ पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा अपने चेहतों को निजी लाभ देने के लिए की गई व्यवस्था है। साल 2013 में बुकिंग क्लर्क बनाए गए वरिष्ठ परिचालकों को उनकी वरिष्ठता के आधार पर निरीक्षक पद पर पदोन्नत किया जाए। तमाम कर्मचारियों को सभी लंबित बकाया राशि 4-9-14 का एरियर अंतरिम राहत व महंगाई भत्ता का भुगतान तुरंत जारी किया जाए। शंकर सिंह ठाकुर ने चेतावनी देते हुए कहा कि परिवहन प्रबंधन सरकार के दिशा-निर्देश का पालन करे, नहीं तो अपनी-अपनी कुर्सियां छोड़कर बाइज्जत अपने घरों को चले जाएं।
परिवहन मजदूर संघ ने कर्मचारियों की ज्वलंत मांगों पर तैयार किया गया मांगपत्र एक माह के अंदर सार्थक वार्ता के साथ पूरा करने को प्रबंधन से आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि एक महीने के बाद परिवहन मजदूर संघ सीधी कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगा। गेट मीटिंग के दौरान परिवहन मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष शंकर सिंह सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी के साथ अपने आक्रोश का प्रदर्शन किया, जिनमें बालकराम मोल्टा, श्रवण शर्मा, राजेश ठाकुर, रिखी राम कौंडल, प्रताप ठाकुर, पवन ठाकुर, सतीश नड्ढा, राम कुमार शर्मा, सर्वजीत सिंह, रणजीत चौहान, संदीप शर्मा, अजय कुमार, कैलाश चंद, महेंद्र ठाकुर सहित आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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