News portals-सबकी खबर (शिमला ) पंचायतो के लोगो के लिए रोजगार साबित होने वाली मनरेगा पर केंद्र सरकार की नई शर्तों के फेर में फंसे हिमाचल प्रदेश के करीब दो लाख मनरेगा मजदूर दिहाड़ी नहीं लगा पा रहे। इन मजदूरों के लिए एक समय में 20 कामों की शर्त और दो बार ऑनलाइन हाजिरी लगाने की नई व्यवस्था से दिक्कत आ रही है। राज्य में 7.40 लाख लोग मनरेगा के कामकाज के लिए पंजीकृत हैं। केंद्र सरकार ने देश भर में मनरेगा के कार्यों के लिए एक शर्त लगाई है कि अगर एक समय में 20 काम चल रहे हैं तो पहले उन्हें पूरा करना होगा, उसके बाद ही अन्य काम आवंटित हो सकेंगे। विशेष परिस्थितियों में ही उपायुक्तों को नए काम देने की शक्ति दी गई है। हालांकि, यह ग्राम पंचायतों के लिए पेचीदा काम है। प्रदेश में इससे मनरेगा के कामकाज की रफ्तार धीमी पड़ गई है। लोग रोजगार से वंचित हो गए हैं। कई ग्राम पंचायतों में पहले से ही 20 से ज्यादा काम चल रहे हैं तो ऐसे में लोगों को भी नए काम नहीं दिए जा रहे हैंवहीं, दूसरी ओर इस संबंध में पंचायती राज विभाग के निदेशक रुग्वेद मिलिंद ठाकुर ने बताया कि गई तो उन्होंने कहा कि प्रदेश में मनरेगा के कामकाज में केंद्र के नए नियमों की पालना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन नियमों को समझ लेने के बाद कुछ पंचायतें बहुत अच्छा काम कर रही हैं। कुछ पंचायतें जो नियमानुसार काम नहीं कर पा रही हैं, उनमें हो सकता है कि ऐसी दिक्कत आ रही हो।उन्होंने कहा कि सामुदायिक कार्यों के लिए दो वक्त ऑनलाइन हाजिरी लगाना जरूरी है, लेकिन जो व्यक्तिगत काम हैं, उनके लिए ऐसा करना जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा कि जहां तक दोबारा हाजिरी लगाने की बात है तो यह काम वार्ड सदस्यों को दिया गया है। वार्ड सदस्य इस काम के लिए किसी अन्य व्यक्ति को भी अधिकृत कर सकता है।
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