Newsportals-सबकी खबर (शिमला)
यूनेस्को की निगरानी समिति ने बुधवार को कालका-शिमला हेरिटेज रेलवे ट्रैक का निरीक्षण किया। समिति के सदस्य दोपहर बाद करीब तीन बजे शिमला रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां टीम ने प्लेटफार्म, रेल मोटर कार के टर्न टेबल, पोस्टल टनल, 1920 में स्थापित वजन मापने की मशीन और रेलवे शेड का मुआयना किया। टीम ने रेलवे स्टेशन की वीडियोग्राफी भी की। 3:30 पर रेलवे स्टेशन से शिमला ऐक्सटेंशन की ओर स्टीम इंजन केसी 520 रवाना किया गया। यूनेस्को निगरानी समिति की टीम और उत्तर रेलवे के अधिकारी स्टीम इंजन के साथ शिमला ऐक्सटेंशन गए। यहां टीम ने बाबा भलखू रेल संग्रहालय का निरीक्षण किया। डीएमई अंबाला आदित्य शर्मा ने बताया कि कालका-शिमला रेलवे ट्रैक को यूनेस्को की ओर से विश्व धरोहर घोषित किया गया है, इसलिए समय समय पर यूनेस्को की निगरानी समिति धरोहर के रख रखाव और जांच के लिए दौरा करती है।
विश्व धरोहर के संरक्षण के लिए और कौन से कदम उठाए जा सकते हैं यह भी टीम जांच रही है। यूनेस्को की ओर से निर्धारित मानकों पर खरा उतरने के लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इस मौके पर स्टेशन अधीक्षक प्रिंस सेठी, वरिष्ठ वाणिज्य निरीक्षक अमर सिंह ठाकुर, एसएसई राजेश कुमार, भलखू रेल म्यूजियम के प्रबंधक कृष्ण कल्याण, आरपीएफ के इंचार्ज शेर सिंह सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। यूनेस्को निगरानी समिति की सदस्य जापान की हयाशी और आस्ट्रेलिया के पीटरसन माइकल ने बताया कि कालका-शिमला हेरिटेज ट्रैक का सफर बेहद रोमांचक रहा। रेलवे का झरोखा कोच बेहद आकर्षक है। इसमें आगे और पीछे गैलरी में खड़े होकर वादियों को बेहद करीब से निहारा जा सकता है। उन्होंने रेलवे स्टॉफ के व्यवहार की भी प्रशंसा की। बाबा भलखू रेल संग्रहालय के ओल्ड बस स्टैंड एंट्री गेट पर स्थापित किए गए स्टीम इंजन के मॉडल की भी टीम ने तारीफ की। समिति की जापानी सदस्य हयाशी ने स्टीम इंजन मॉडल के साथ सेल्फी भी खींची।
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