Newsportals-सबकी खबर (संगड़ाह)
हाटी समिति के अध्यक्ष डॉ अमीचंद कमल तथा अन्य पदाधिकारियों का उपतहसील मुख्यालय हरिपुरधार में स्थानीय लोगों द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया तथा उनके समर्थन में काफी देर तक नारेबाजी की गई। बुधवार रात्रि हरिपुरधार पहुंचने पर डॉ कमल के साथ मौजूद समिति महासचिव कुंदन शास्त्री के अलावा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, गृहमंत्री अमित शाह आदि के समर्थन में भी नारेबाजी की गई। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सहीराम चौहान नैत्रित्व मे हाटी नेताओं का मालाएं पहनाकर स्वागत किया गया। हाटी समिति अध्यक्ष कहा कि, हिमाचल सरकार द्वारा इस बार गिरिपार को एसटी स्टेटस को लेकर बेहतरीन रिपोर्ट तैयार की गई, जिसके चलते इसे महापंजीयक अथवा आरजीआई द्वारा स्वीकार किया गया और जनजातीय मंत्रालय को भेजा गया।
उन्होंने मौजूद जनसमूह को आश्वासन देते हुए हुए कहा कि, जल्द भारत सरकार अथवा जनजातीय मंत्रालय द्वारा ट्रासगिरी एरिया को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल किया जाएगा। डॉ कमल ने कहा की, वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित भाई शाह को गिरिपार आने का न्यौता अथवा अवसर भी दे चुके है। जानकारी के अनुसार इससे पहले भी कई बार जनजातीय मंत्रालय द्वारा हिमाचल सरकार के गिरिपार को अनुसूचित जनजाति क्षेत्र संबंधी प्रस्ताव को अस्वीकार किया गया है। गत 4 अप्रैल को मंडी की सांसद द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में जनजातीय मंत्रालय ने गिरिपार, डोडरा-क्वार व 15-20 क्षेत्र को जनजातीय दर्जा देने के प्रस्ताव को अस्वीकार करने की बात कही।
आदिवासी आबादी की प्रधानता अथवा बहुमत न होने तथा आसपास के अन्य क्षेत्रों से ज्यादा पिछड़ापन जैस निर्धारित मापदंड पूरे न होने का हवाला देकर हिमाचल सरकार के इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करने का हवाला तब मंत्रालय ने दाया था। गत 13 अप्रैल को प्रदेश सरकार द्वारा इस बारे फिर से भेजे गए प्रस्ताव को आरजीआई द्वारा स्वीकार किया गया है और समिति पदाधिकारियों के अनुसार इसे फिर से जनजातीय मंत्रालय को भेजा गया है। गौरतलब है कि वर्ष 1967 मे साथ लगते तत्कालीन यूपी के बाबर-जौंसार को अनुसूचित जनजाति दर्ज मिलने के बाद से लगातार सिरमौर के गिरिपार के भोले-भाले लोग भी एसटी स्टेटस की मांग कर रहे हैं और तब से आज तक हर चुनाव में मुख्य मुद्दा रहने वाली यह मांग पूरी नहीं हुई है।
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