News portals-सबकी खबर (पांवटा साहिब )
जिला सिरमौर के पहाड़ी क्षेत्रों में लहसुन की फसल अज्ञात बीमारी की चपेट में आ गई है। खेतों में ही लहसुन पीली पड़ गई है। आशंका जताई जा रही है कि इस प्रमुख नकदी फसल को पीला झुलसा रोग ने अपनी चपेट में ले लिया है। ऐसे में किसानों की चिंता बढ़ गई है। हैरानी इस बात की है कि अब तक किसान चार बार लहसुन की फसल में दवाइयों का छिड़काव कर चुके हैं।
लेकिन, अब भी रोग दूर जाने का नाम नहीं ले रहा है। पीली पड़ रही फसल ने किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। हालांकि, फसल का पीला पड़ना कोई नई बात नहीं है। पिछले दो साल से किसानों को यह फसल परेशान कर रही है। इस बार भी लहसुन में लगा रोग किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर रहा है। किसानों के अनुसार वह अभी तक करीब चार बार फसल पर दवाइयों का छिडकाव कर चुके हैं, मगर फायदा न के बराबर है।
इन दिनों लहसुन के पौधों में गांठ बननी शुरू हो गई है। क्षेत्र के लानाचेता, उलाना, सेल, नौहराधार, चुनवी, देवामानल क्षेत्र में कई किसानों की फसल पर रोग ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। पिछले वर्ष भी ऐसा ही हुआ था। लानाचेता के किसानों ने लहसुन खराब होने पर अपने खेतों में हल चला दिया था। पिछले साल की तुलना में इस बार अभी तक 50 फीसदी लहसुन खराब होने की आशंका है।
उधार ,कृषि वैज्ञानिक प्रदीप कुमार ने लहसुन उत्पादकों को सलाह दी है कि पीला झुलसा रोग की रोकथाम के लिए समय पर उपचार आरंभ करना चाहिए। वैज्ञानिकों ने किसानों को कार्बोडाईजाइम और मेंकोजेब का छिड़काव करने को कहा है। इसके आलावा स्कोर 300 मिली या कंपेनियन 500 ग्राम प्रति 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं।
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