News portals-सबकी खबर (संगड़ाह )
राजकीय महाविद्यालय संगड़ाह में विद्यार्थी परिषद द्वारा गुरुवार बाद दोपहर 12 बजे शुरू की गई भूख हड़ताल शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रही। इस बीच गुरूवार सांय हालांकि एसडीएम संगड़ाह डॉ विक्रम नेगी द्वारा छात्रों को उनकी मांग सरकार तक पहुंचाने का भरोसा दिया गया, मगर छात्र अनशन तोड़ने को राजी नहीं हुए। कार्यवाहक बीएमओ संगड़ाह डॉ कृष्णा भटनागर ने बताया कि, शुक्रवार को दो चिकित्सकों का दल छात्रों के मेडिकल चेकअप के लिए गया था, हालांकि छात्रों के अनुसार मेडिकल टीम द्वारा दूर से ही उन्हें देखा गया। महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य जगपाल तोमर ने बताया कि, क्योंकि यहां वर्तमान में नॉन मेडिकल के छात्र नहीं है, इसलिए फिलहाल खाली पद पीटीए बेस पर नहीं भरे जाएंगे। खाली पड़े प्राध्यापकों के 50 फ़ीसदी के करीब पदों को न भरे जाने के मुद्दे पर एबीवीपी द्वारा गुरुवार से यहां अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की गई है।
छात्रों द्वारा इस बारे स्थानीय प्राचार्य को अपना ज्ञापन सौंपा गया था। विद्यार्थी परिषद कैंपस प्रेसिडेंट सुनील ने बताया कि, इससे पहले भी उन्होंने उक्त मुद्दे पर भूख हड़ताल की थी, मगर 14, सितंबर, 2019 को तत्कालीन भाजपा मंडल अध्यक्ष, एसडीएम व थाना प्रभारी द्वारा उन्हें 15 दिनों में स्टाफ उपलब्ध करवाने का आश्वासन देकर अनशन तुड़वाया गया था। गौरतलब है कि, पिछले 2 साल से कॉलेज में नान-मेडिकल के विषयों के प्रेक्टिकल के लिए दो-चार दिन के लिए भी यहां अन्य महाविद्यालयों से प्राध्यापक अथवा असिस्टेंट प्रोफेसर प्रतिनियुक्त नहीं किए गए। इतना ही नहीं महाविद्यालय प्रशासन द्वारा पीटीए के माध्यम से भी खाली पद नहीं भरे गए और छात्रों कुछ छात्रों के अनुसार उन्हें पलायन की राय दी गई। आर्थिक दृष्टि से कमजोर परिवार अपने बच्चों को नाहन व अन्य शहरों में नहीं भेज पा रहे हैं। 2006 में खुले इस महाविद्यालय में स्नातकोत्तर व इगनू की कक्षाएं भी शुरू नहीं हुई। 2019 में छात्रों द्वारा हड़ताल किए जाने के बाद महाविद्यालय में मौजूद फिजिक्स के एक मात्र प्राध्यापक को प्राचार्य की गैरमौजूदगी में कार्यालय अधीक्षक द्वारा रिलीव किया गया, जिसके बाद यहां नॉन मेडिकल का कोई भी शिक्षक मौजूद नहीं है। महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य जगपाल तोमर ने बताया कि, वर्तमान में यहां नॉन मेडिकल के छात्र न होने के कारण पीटीए के माध्यम से खाली पद भरे जा रहे हैं।
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