News portals-सबकी खबर (शिमला )
ऑडियो रिकार्डिंग में पांच लाख मांगने के मामले में फंसे स्वास्थ्य विभाग के पूर्व निदेशक डॉ. एके गुप्ता के विजिलेंस ब्यूरो ने आवाज के सैंपल ले लिए। सैंपल लेने की पूरी प्रक्रिया को जुन्गा स्थित फोरेंसिक लैब में पूरा किया गया। इस दौरान गुप्ता के साथ-साथ उस एजेंट के भी आवाज के सैंपल लिए गए जिसने अपनी और गुप्ता की उस बातचीत की रिकॉर्डिंग की थी, जो बाद में वायरल हो गई।
इसी रिकॉर्डिंग के सार्वजनिक होने के बाद ही विजिलेंस ब्यूरो ने पहले एफआईआर दर्ज की और फिर जांच में सहयोग न करने पर गुप्ता को गिरफ्तार किया था। दोनों के सैंपल लेने के बाद अब फोरेंसिक लैब इनका उस वॉयरल रिकार्डिंग की आवाज से मिलान करेगी। बताया जा रहा है कि जिस पांच लाख के लेनदेन की बात हो रही है, वह किस मामले से जुड़ा है उसे स्पष्ट करने के लिए ब्यूरो ने एक टीम को स्वास्थ्य निदेशालय से मिले दस्तावेजों की छानबीन में लगा दिया है।
इससे पहले दोनों को आमन-सामने बैठाकर ब्यूरो ने कई सवालों के जवाब लेने की कोशिश की। सूत्रों का कहना है कि अब तक की जांच में ब्यूरो को सबूत हाथ लगे हैं उससे यह तो साफ है कि सोलन के एक कद्दावर नेता का इन दोनों से संपर्क जरूर था। हालांकि इस लिंक का पांच लाख के लेनदेन या विभागीय भ्रष्टाचार के खेल से कोई पुष्ट संबंध अभी तक उसके हाथ नहीं लगा है।
एजेंट ने अपने बयान में कहा है कि वह पहले नेता के एक करीबी रिश्तेदार के अस्पताल में काम करता था लेकिन कोविड के दौरान अस्पताल बंद होने की वजह से उसने मोहाली की एक फार्मा कंपनी में नौकरी शुरू कर दी थी। लेकिन इसके बाद भी उसका लगातार सोलन में संपर्क था।
इसी वजह से एजेंट के बयान के बाद अब ब्यूरो नेता से फिलहाल पूछताछ करने के मूड में नहीं है। सूत्रों का कहना है कि ब्यूरो पहले यह पक्का करना चाहता है कि नेता का इस मामले में कितना और क्या रोल है। रोल स्पष्ट होने के बाद ही वह नेता से पूछताछ को लेकर अंतिम फैसला लेगी।
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