News portals-सबकी खबर (नई दिल्ली )
महाराष्ट्र के पुणे से एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे कोरोना वायरस के स्टेज-3 का होने की आशंका और बढ़ गई है। पुणे में रहने वाली 41 वर्षीय महिला में कोरोना के संक्रमण मिले हैं। इस महिला ने कोई विदेश यात्रा नहीं की है, साथ ही किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में भी नहीं आई है जो पहले से कोरोना से ग्रसित हो। ऐसे में महिला को कोरोना वायरस हो जाना ये सवाल खड़ा करता है कि क्या देश में कोरोना के स्टेज-3 की शुरुआत हो चुकी है।स्टेज-3 संक्रमण को सामुदायिक संक्रमण भी कहा जाता है, यानि कि इसमें वायरस किसी भी समुदाय में आसानी से फैल रहा है। सामुदायिक संक्रमण में वायरस किसी एक व्यक्ति के संपर्क में आने से नहीं फैलता है बल्कि पूरे समुदाय को अपनी चपेट में लेता है।
कोरोना का सबसे ज्यादा असर चीन, इटली, ईरान और दक्षिण कोरिया पर पड़ा है। इन चारों देशों में कोरोना के स्टेज-3 यानि कि सामुदायिक संक्रमण की स्थिति आने पर संक्रमित लोगों की संख्या में बहुत ज्यादा तेजी देखी गई। शनिवार देर शाम पश्चिम बंगाल से ऐसा ही मामला सामने आया। बंगाल में रहने वाले 57 वर्षीय पुरुष में कोरोना वायरस के लक्षण देखे गए। यह व्यक्ति भी किसी विदेशी यात्रा से नहीं लौटे थे और किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में नहीं आए थे। हालांकि ये दोनों आंकड़ों की पुष्टि राज्य सरकार की प्रयोगशालाओं ने की है, राष्ट्रीय नोडल प्राधिकरण ने इस पर कोई जानकारी नहीं दी है।
सामुदायिक संक्रमण से सरकार का इनकार सरकार ने अभी देश में सामुदायिक संक्रमण होने से इनकार किया है। इन आंकड़ों पर सरकार का कहना है कि ये जानकारी जुटाने में हुई लापरवाही दिखाता है। सरकार के मुताबिक इस बात का पता लगाना मुश्किल है किसी संक्रमित व्यक्ति से कितने लोग संपर्क में आए हैं। सरकार का फोकस अभी कोरोना से संक्रमित लोगों की जानकारी जुटाने में है। ये काम आसान नहीं है, अभी उन 7,000 लोगों की निगरानी की जा रही है जो संक्रमित लोगों के संपर्क में आए थे। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लाव अग्रवाल का कहना है कि देश में अभी सामुदायिक संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है।
मुश्किल है लोगों पर नजर बनाए रखना
अधिकारियों का कहना है कि सार्वजनिक परिवहनों में लोगों के सफर करने के बाद उन पर निगरानी बनाए रखना थोड़ा मुश्किल काम है। दिल्ली में एक 46 वर्षीय पुरुष ने कोरोना से संक्रमित होने के पहले दिल्ली मेट्रो में सफर किया है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक उस व्यक्ति की जांच पड़ताल आसानी से की जा सकती है लेकिन मेट्रो में कितने लोगों ने उस समय सफर किया ये पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
इस तरह के मामले पहले भी आ चुके हैं। केरल में आया कोरोना का पहला मामला भी यही जानकारी देता है। केरल के पहले संक्रमित व्यक्ति ने कई विमान, ट्रेन और सार्वजनिक वाहनों में सफर किया लेकिन कितने लोगों के संपर्क में आया इसकी जानकारी जुटाना कठिन हो जाता है।
फिलहाल सामुदायिक संक्रमण नहीं: आईसीएमआर
सामुदायिक संक्रमण पर आईसीएमआर लगातार नजर बनाए हुए है। आईसीएमआर कुछ ऐसे अनजान लोगों के सैंपल पर काम कर रहा है कि जो किसी विदेश यात्रा से नहीं लौटे हैं और किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में नहीं आए हैं। आईसीएमआर के मुताबिक सामुदायिक संक्रमण के परीक्षण के लिए मार्च में लिए गए 826 सैंपल में सभी मामले निगेटिव हैं।
आईसीएमआर का कहना है कि अभी देश में सामुदायिक संक्रमण के कोई लक्षण नहीं है।
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