Breaking News :

मौसम विभाग का पूर्वानुमान,18 से करवट लेगा अंबर

हमारी सरकार मजबूत, खुद संशय में कांग्रेस : बिंदल

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 7.85 करोड़ रुपये की जब्ती

16 दिन बाद उत्तराखंड के त्यूणी के पास मिली लापता जागर सिंह की Deadbody

कांग्रेस को हार का डर, नहीं कर रहे निर्दलियों इस्तीफे मंजूर : हंस राज

राज्यपाल ने डॉ. किरण चड्ढा द्वारा लिखित ‘डलहौजी थू्र माई आइज’ पुस्तक का विमोचन किया

सिरमौर जिला में स्वीप गतिविधियां पकड़ने लगी हैं जोर

प्रदेश में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निवार्चन के लिए तैयारियां पूर्ण: प्रबोध सक्सेना

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस ने किया ओएनडीसी पर क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन

इंदू वर्मा ने दल बल के साथ ज्वाइन की भाजपा, बिंदल ने पहनाया पटका

December 3, 2024

पांगी में जुकारू उत्सव के तीसरे दिन धरती माता की पूजा-अर्चना, पुनेही से शुरू हुआ घुरेई नृत्य

News portals-सबकी खबर ( पांगी ) जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र पांगी में 12 दिवसीय जुकारू उत्सव के तीसरे दिन पंगवाल समूदाय पुनेही उत्स्व मनाया गया। इसी क्रम में 12 दिनों तक अलग-अलग त्यौहार मनाये जाते है। पांगी घाटी के लोगों ने प्राचीन परंपराएं जिंदा रखी हुई है।  पर्व में परंपराओं और रीति रिवाजों का पालन किया जाता है। मान्यता के अनुसार लोगों ने आटे के बकरे बनाकर सुबह खेत में चिन्हित स्थान पर एकजुट होते है। जहां पर धरती माता की पूजा की जाती है। वहीं पूजा के दौरान हल भी चलाई जाती है। इससे पूर्व खेतों में पत्थर की शिला की विधिविधान से पूजाअर्चना कर गेहूं की बिजाई की। मान्यता है कि 20 दिन के बाद अंकुरित होने वाले गेहूं के आधार पर ही पता चलेगा कि यह वर्ष फसल के लहजे से धन्य-धान्य रहेगा या सूखे की स्थिति उत्पन्न होगी।

अगर निर्धारित समय में फसल अंकुरित हो जाती है तो इसे अच्छी पैदावार का प्रतीक माना जाता है। अगर ऐसा नहीं होता है तो इसे सूखे की स्थिति बताया जाता है।  इस पर्व के दौरान प्रतिदिन क्रमवार लोगों के घरों में धाम का आयोजन होता है। जहां लोग एक-दूसरे के घरों में जाकर विभिन्न पकवानों का आनंद उठाते हैं। भोज के दौरान सतु, काजू, बादाम का सेवन करते हैं। इसके अलावा अब कई लोग भोज में मटरपनीर, चिकन, मटन भी बनाते हैं। वहीं पुनेही समाप्त होने के बाद देर शाम को हर गांव में घुरेई नृत्य का भी आयोजन किया जाता है। यह घुरेई नृत्य 12 दिनों तक चलता है।धुरेई नृत्य के दौरान गांव वासी एकजुट होकर घर की छत पर घुरेई नृत्य करते है। मिंधल माता के ठाठड़ी करतार सिंह ने बताया कि इस बार पांगी वासियों पर बालिराज की काफी मेहरबान है। उन्होंने बताया कि कभी पांगी का जुकारू बिना बर्फ का नहीं हुआ था। लेकिन इस बार बर्फ न होने के कारण क्षेत्र के लोगों में काफी मायूसी छाई हुई थी। लेकिन जैसे ही बलि राजा का त्यौहार नजदीक आया तो बर्फबारी हुृई है। और जमकर बर्फबारी  होने से पांगी वासी खुश है।इसे राजा बलि का वरदान मना है।

Read Previous

अपनी मांगों को लेकर प्रदेश सरकार से मिलेंगे आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ

Read Next

एक साल में ही हो गई कांग्रेस सरकार की दुर्दशा : जयराम ठाकुर

error: Content is protected !!